जय अरण्याणी माता, जय अरण्याणी माता।
वनों की देवी, प्रकृति की रक्षक, हम सबकी तुम हो माता॥
हरे-भरे वनों में, तुम्हारा निवास है।
वन्य जीवों की रक्षा, तुम्हारा प्रयास है॥
जय अरण्याणी माता, जय अरण्याणी माता।
वनों की देवी, प्रकृति की रक्षक, हम सबकी तुम हो माता॥
तुमसे ही हरी-भरी है, धरती हमारी।
तुम्हारी कृपा से, होती है वर्षा निरंतर॥
जय अरण्याणी माता, जय अरण्याणी माता।
वनों की देवी, प्रकृति की रक्षक, हम सबकी तुम हो माता॥
तुम्हारी आराधना से, मिलता है शांति।
प्रकृति की रक्षा का, हमें तुमसे ज्ञान मिलता है॥
जय अरण्याणी माता, जय अरण्याणी माता।
वनों की देवी, प्रकृति की रक्षक, हम सबकी तुम हो माता॥
अरण्याणी माता को जंगलों और वनस्पतियों की देवी माना जाता है। वह प्रकृति, जंगल, वन्यजीवों और पर्यावरण की संरक्षक देवी हैं। प्राचीन हिंदू धर्म और वेदों में उनका उल्लेख वन देवी के रूप में किया गया है, जो वनों और उनकी संपदा की रक्षा करती हैं।