01 Dec 2025 आध्यात्मिक मार्गदर्शन विश्वसनीय जानकारी

बाबा बालकनाथ जी की आरती

bababalaknath
ॐ जय कलाधारी हरे,स्वामी जय पौणाहारी हरे, भक्त जनों की नैया,दस जनों की नैया, भव से पार करे, ॐ जय कलाधारी हरे ॥ बालक उमर सुहानी, नाम बालक नाथा, अमर हुए शंकर से,सुन के अमर गाथा । ॐ जय कलाधारी हरे ॥ शीश पे बाल सुनैहरी, गले रुद्राक्षी माला, हाथ में झोली चिमटा,आसन मृगशाला । ॐ जय कलाधारी हरे ॥ सुंदर सेली सिंगी, वैरागन सोहे, गऊ पालक रखवालक, भगतन मन मोहे । ॐ जय कलाधारी हरे ॥ अंग भभूत रमाई, मूर्ति प्रभु रंगी, भय भज्जन दुःख नाशक, भरथरी के संगी । ॐ जय कलाधारी हरे ॥ रोट चढ़त रविवार को, फल, फूल मिश्री मेवा, धुप दीप कुदनुं से, आनंद सिद्ध देवा । ॐ जय कलाधारी हरे ॥ भक्तन हित अवतार लियो, प्रभु देख के कल्लू काला, दुष्ट दमन शत्रुहन,सबके प्रतिपाला । ॐ जय कलाधारी हरे ॥ श्री बालक नाथ जी की आरती, जो कोई नित गावे, कहते है सेवक तेरे,मन वाच्छित फल पावे । ॐ जय कलाधारी हरे ॥ ॐ जय कलाधारी हरे, स्वामी जय पौणाहारी हरे, भक्त जनों की नैया, भव से पार करे,ॐ जय कलाधारी हरे ॥
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