01 Dec 2025 आध्यात्मिक मार्गदर्शन विश्वसनीय जानकारी

भगवान कार्तिकेय की पूजा और आराधना | स्कंद देव की कृपा पाने की विधि

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भगवान कार्तिकेय (मुरुगन, स्कंद, सुब्रमण्य) शक्ति और पराक्रम के देवता हैं। वे भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र तथा गणेश जी के बड़े भाई माने जाते हैं। उनकी पूजा विशेष रूप से तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और उत्तर भारत में की जाती है।

भगवान कार्तिकेय की पूजा विधि

पूजा के लिए आवश्यक सामग्री

  1. कार्तिकेय जी की प्रतिमा या चित्र
  2. लाल पुष्प (विशेष रूप से कनेर या गुड़हल)
  3. बेलपत्र और तुलसी
  4. धूप, दीप, कपूर
  5. पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर)
  6. नारियल और फल
  7. मोर पंख (क्योंकि उनका वाहन मोर है)
  8. प्रसाद (विशेष रूप से पंचामृत और मीठे पकवान)

पूजा की विधि

  1. स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या चित्र को गंगाजल से शुद्ध करें।
  3. दीप प्रज्वलित करें और धूप दिखाएँ।
  4. कार्तिकेय जी को लाल फूल अर्पित करें।
  5. पंचामृत से अभिषेक करें और मोर पंख अर्पित करें।
  6. "ॐ श्रीं ह्रीं क्लिं महासेनाय नमः" मंत्र का जाप करें।
  7. आरती करें और भोग अर्पित करें।
  8. पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करें और परिवार के सदस्यों को बाँटें।

भगवान कार्तिकेय की आराधना के लाभ

  1. शत्रु नाश और विजय प्राप्ति
  2. मानसिक शक्ति और साहस की वृद्धि
  3. स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से मुक्ति
  4. विवाह और संतान प्राप्ति में सहायता
  5. आध्यात्मिक उन्नति और आत्मबल की प्राप्ति

कार्तिकेय पूजा के विशेष दिन

  • स्कंद षष्ठी – कार्तिकेय जी का प्रमुख पर्व
  • मंगलवार और शुक्रवार – विशेष रूप से पूजनीय दिन
  • श्रावण मास और कार्तिक मास – उनकी पूजा के लिए श्रेष्ठ

कार्तिकेय जी के प्रमुख मंत्र:

  1. "ॐ श्रीं ह्रीं क्लिं महासेनाय नमः" (सर्वसिद्धि प्राप्ति हेतु)
  2. "ॐ सरवनभवाय नमः" (संकटों से मुक्ति हेतु)
  3. "ॐ कर्तिकेयाय नमः" (बुद्धि और बल प्राप्ति हेतु)
विशेष रूप से दक्षिण भारत में कार्तिकेय आराधना
तमिलनाडु में "मुरुगन" के रूप में भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है।
सबसे प्रसिद्ध मंदिर
  1. पलानी मुरुगन मंदिर (तमिलनाडु)
  2. तिरुचेंदूर मुरुगन मंदिर (तमिलनाडु)
  3. स्वामymalai मुरुगन मंदिर (तमिलनाडु)
भगवान कार्तिकेय की पूजा करने से जीवन में साहस, शक्ति, ज्ञान और सफलता मिलती है। विशेष रूप से स्कंद षष्ठी व्रत और मंगलवार के दिन उनकी आराधना बहुत शुभ मानी जाती है।
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