डम डम डमरू बाजे
मेरे भोले के दरबार में
कण कण में बसते है
भोले बाबा संसार में
जिसे मोह ना मायाजाल का
ओ भक्त है महाकाल का..
वो शम्भू है वो शंकर है
उनसे ही तो धरती अम्बर है
वो भक्तो का रखवाला है
वो है तो ये जग में उजाला है
जिसे डर नहीं भुजाल का
ओ भक्त है महाकाल का
जिसे मोह ना मायाजाल का
ओ भक्त है महाकाल का..
हो मेरे दिल में हमेशा
तेरा वास रहे
मेरे सर पे हमेशा
तेरे हाथ रहे
हो मेरी मंजिल हो चाहे
कितनी मुश्किल
महाकाल हमेशा
मेरे साथ रहे
हो बात मेरी छोटी
पर मन है मेरा शिवाला
बाण मुझे क्या मारे
महाकाल है रखवाला
जो करता तिलक भस्म का
ओ भक्त है महाकाल का
जिसे मोह ना मायाजाल का
ओ भक्त है महाकाल का..
डम डम डमरू बाजे
मेरे भोले के दरबार में
कण कण में बसते है
भोले बाबा संसार में
जिसे मोह ना मायाजाल का
ओ भक्त है महाकाल का..