01 Dec 2025 आध्यात्मिक मार्गदर्शन विश्वसनीय जानकारी

अश्विनीकुमार – देवताओं के वैद्य एवं आयुर्वेद के आरंभकर्ता

ashwinikumar

अश्विनीकुमार हिंदू धर्म में देवताओं के दो जुड़वां भाई हैं जिन्हें देवताओं के चिकित्सक और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के देवता के रूप में माना जाता है। ये दोनों भाई अत्यधिक सुंदर और तेजस्वी हैं और इन्हें "आश्विन" के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है "घोड़ों से जुड़ा हुआ"। अश्विनीकुमारों का वर्णन वेदों और पुराणों में मिलता है, और वे आरोग्यता, चिकित्सा, एवं सौंदर्य के प्रतीक हैं।

अश्विनीकुमारों का परिचय

अश्विनीकुमारों के माता-पिता सूर्य देव और संज्ञा (या उनकी छाया) हैं। उनकी माता ने घोड़ी का रूप धारण किया था, जिससे इनका नामकरण हुआ। इसलिए अश्विनीकुमारों का संबंध घोड़ों और अश्व (घोड़े) से जोड़ा जाता है। इनका मुख्य कार्य रोगों को ठीक करना और देवताओं को स्वास्थ्य प्रदान करना है।

अश्विनीकुमारों के नाम

नासत्य: यह अश्विनीकुमारों में से एक हैं, जो सत्यता, ईमानदारी, और चिकित्सा के सिद्धांतों का पालन करने वाले माने जाते हैं।

दस्र: दस्र को शल्य चिकित्सा और रोगों का उपचार करने वाले के रूप में माना जाता है।

अश्विनीकुमारों की विशेषताएँ

स्वास्थ्य के देवता: अश्विनीकुमारों का प्रमुख कार्य देवताओं और मनुष्यों को स्वास्थ्य प्रदान करना है। वे चिकित्सक के रूप में जाने जाते हैं और अपनी अद्भुत चिकित्सा शक्तियों से रोगों का इलाज करते हैं।

युवाओं और सौंदर्य के प्रतीक: वे देवताओं और मानवों को न केवल स्वस्थ करते हैं बल्कि उन्हें सौंदर्य और युवा रूप भी प्रदान करते हैं। अश्विनीकुमारों की कृपा से व्यक्ति दीर्घायु और सुंदर बन सकता है।

रथ की सवारी: अश्विनीकुमार घोड़ों द्वारा खींचे जाने वाले स्वर्ण रथ पर सवार होते हैं। उनका रथ अत्यधिक तेज और प्रकाशमान होता है, और वे आकाश में घूमते रहते हैं, स्वास्थ्य और जीवन शक्ति प्रदान करते हुए

अश्विनीकुमारों की भूमिका

चिकित्सा और उपचार: वे अद्वितीय चिकित्सक हैं, जिन्होंने देवताओं और ऋषियों की कई बार बीमारियों और घावों को ठीक किया। ऋग्वेद में उनकी चिकित्सा की कई कथाएँ मिलती हैं, जैसे कि उन्होंने ऋषि च्यवन को पुनः युवावस्था प्रदान की थी।

दिव्य चिकित्सक: अश्विनीकुमारों ने देवताओं और मानवों की विभिन्न कठिनाइयों और रोगों को दूर किया है। वे दिव्य चिकित्सक के रूप में पूजे जाते हैं, जिन्होंने कई गंभीर बीमारियों का इलाज किया है।

शल्य चिकित्सक: अश्विनीकुमारों को शल्य चिकित्सा में भी महारत प्राप्त थी। उन्होंने युद्ध में घायल हुए देवताओं और योद्धाओं का इलाज किया, जिससे वे शीघ्र स्वस्थ हो सके।

अश्विनीकुमारों की पूजा

अश्विनीकुमारों की पूजा मुख्य रूप से स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना के लिए की जाती है। चिकित्सा से जुड़े लोग, जैसे वैद्य और डॉक्टर, इनकी विशेष रूप से पूजा करते हैं। साथ ही, जिन लोगों को स्वास्थ्य समस्याएँ होती हैं, वे भी अश्विनीकुमारों की पूजा करके उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं।

प्रमुख कथाएँ

च्यवन ऋषि की पुनः युवा अवस्था: अश्विनीकुमारों की सबसे प्रसिद्ध कथा ऋषि च्यवन से जुड़ी है। च्यवन ऋषि वृद्ध हो गए थे और अश्विनीकुमारों ने उन्हें एक औषधि दी, जिससे वे फिर से युवा और सुंदर हो गए।

सूर्य देव की मदद: अश्विनीकुमारों ने कई बार देवताओं की कठिन समय में मदद की। वे युद्ध के बाद घायल हुए देवताओं को स्वस्थ करते थे और उन्हें पुनः सशक्त बनाते थे।

अश्विनीकुमार हिंदू धर्म में स्वास्थ्य, चिकित्सा, और आरोग्यता के देवता हैं। वे रोगों को दूर करने और स्वास्थ्य प्रदान करने के प्रतीक हैं। उनकी पूजा विशेष रूप से स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए की जाती है। अश्विनीकुमार न केवल चिकित्सा के देवता हैं, बल्कि वे सौंदर्य, युवा, और जीवन शक्ति के भी प्रतीक माने जाते हैं।

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