गले में जिनके नागो की माला
जटा में गंग की धार
एक तू ही भोलेनाथ मेरे बाबा
उज्जैन के महाकाल
अंग पे निस दिन भस्मी रमाते
भांग का भोग लगाते
बेलपत्र और भांग धतूरा
मन को शिव के भाए
नहीं देखा कोई तुमसा भोले
जिनकी लीला अपार
एक तू ही भोलेनाथ मेरे बाबा
उज्जैन के महाकाल
भूतो की टोली संग में चलती
रहते नंदी सवार
रूप है जिनका जग से निराला
कालो के महाकाल
एक तू ही भोलेनाथ मेरे बाबा
उज्जैन के महाकाल