पितृ पक्ष (श्राद्ध पक्ष) हिंदू पंचांग का वह पखवाड़ा है जब अपने पितरों को स्मरण कर तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है। यह काल प्रत्येक वर्ष भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू होकर सर्व पितृ अमावस्या तक चलता है।
इस अवधि में सभी जातक अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्रद्धा भाव से कर्मकांड करते हैं।
पितृ पक्ष का महत्व
- पूर्वजों की आत्मा की शांति हेतु।
- पितृ दोष निवारण के लिए।
- परिवार में सुख-समृद्धि और उन्नति हेतु।
- यह मान्यता है कि पितृ प्रसन्न होकर घर-परिवार को आशीर्वाद देते हैं।
श्राद्ध विधि
- प्रातःकाल स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- दक्षिण दिशा की ओर मुख करके कुशा, तिल, जौ और जल से तर्पण करें।
- ब्राह्मण भोजन कराना और दान देना शुभ माना जाता है।
- घर में सत्कार्य करना और पितरों का स्मरण करना अनिवार्य है।
आगामी श्राद्ध की तिथियाँ
- 26 सितंबर 2026, शनिवार पूर्णिमा श्राद्ध