01 Dec 2025 आध्यात्मिक मार्गदर्शन विश्वसनीय जानकारी

दैनिक पंचांग:विष्कुम्भ योग

विष्कुम्भ योग एक विशेष योग है, जो हिंदू पंचांग में दर्ज होता है और इसका ज्योतिषीय महत्व है। इसे शुभ योग नहीं माना जाता है और इसे "अशुभ" या "हानिकारक" प्रभाव देने वाला योग कहा जाता है। विष्कुम्भ योग तब बनता है जब चंद्रमा और सूर्य के बीच विशेष स्थितियां उत्पन्न होती हैं, जिससे इसे संबंधित समय में कार्य करने से कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है।

विष्कुम्भ योग के प्रभाव

विवाद: इस योग के दौरान कार्य करने से विवाद या बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। अशांति: मानसिक तनाव और अशांति की स्थिति बन सकती है। हानी: आर्थिक और व्यक्तिगत नुकसान की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। रोग: स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

विष्कुम्भ योग में क्या करें

इस योग के दौरान महत्वपूर्ण निर्णय और बड़े कार्य करने से बचना चाहिए। किसी भी नए कार्य की शुरुआत करने से पहले शुभ मुहूर्त की प्रतीक्षा करनी चाहिए। पूजा, ध्यान और सकारात्मक कार्यों में समय बिताना शुभ माना जाता है।

विष्कुम्भ योग में क्या न करें

यात्रा, विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय शुरू करने जैसे कार्यों से बचना चाहिए। विवादित मुद्दों पर चर्चा करने से भी बचना चाहिए, ताकि अनावश्यक तनाव से बचा जा सके। नोट: यह योग एक निश्चित समय तक ही प्रभावी रहता है, और इसके समाप्त होने के बाद शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।