01 Dec 2025 आध्यात्मिक मार्गदर्शन विश्वसनीय जानकारी

हरियाली तीज – व्रत, तिथि, पूजा विधि और महत्व

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हरियाली तीज एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जो मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है। यह त्योहार श्रावण महीने (जुलाई-अगस्त) के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। हरियाली तीज विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह उनके पति की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए व्रत और पूजा का दिन होता है। यह त्योहार हरियाली और मानसून के आगमन का भी प्रतीक है।

हरियाली तीज का महत्व

विवाहित महिलाओं का व्रत: इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं।

हरियाली और मानसून: हरियाली तीज का समय मानसून का होता है, जब चारों ओर हरियाली होती है। यह त्योहार प्रकृति के सौंदर्य और उसकी महत्ता को भी दर्शाता है।

पारिवारिक एकता: यह त्योहार महिलाओं को एक साथ लाता है, जहां वे एक-दूसरे से मिलती हैं, गाने गाती हैं, नृत्य करती हैं और त्योहार का आनंद लेती हैं।

हरियाली तीज की पूजा विधि

स्नान और शुद्धिकरण: प्रातःकाल स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें। विवाहित महिलाएं विशेष रूप से सजी-धजी होती हैं और मेंहदी लगाती हैं।

शिव-पार्वती की मूर्ति की स्थापना: भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

पूजा की तैयारी: पूजा की थाली में धूप, दीप, चंदन, पुष्प, मिठाई, फल, मेहंदी, चूड़ियां और अन्य सुहाग सामग्री रखें।

व्रत का संकल्प: भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।

शिव-पार्वती की पूजा: शिव-पार्वती की पूजा करें, उनका अभिषेक करें और उन पर पुष्प चढ़ाएं। सुहाग सामग्री अर्पित करें और तीज कथा सुनें।

भजन और कीर्तन: पूजा के बाद महिलाएं भजन और कीर्तन गाती हैं और नृत्य करती हैं।

झूला झूलना: हरियाली तीज पर झूला झूलने की प्रथा है। महिलाएं पेड़ों पर झूला डालकर झूलती हैं और सावन के गीत गाती हैं।

व्रत का पारण: अगले दिन प्रातःकाल भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के बाद व्रत का पारण करें।

हरियाली तीज की कथा

हरियाली तीज की कथा भगवान शिव और माता पार्वती की पवित्र प्रेम कहानी से जुड़ी है। माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इस प्रकार, हरियाली तीज का त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन की स्मृति में मनाया जाता है।

हरियाली तीज का त्योहार हमें पति-पत्नी के बीच के प्रेम और समर्पण का महत्व सिखाता है। यह दिन महिलाओं के लिए अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए प्रार्थना करने का अवसर है। इसके साथ ही, यह त्योहार हमें प्रकृति के सौंदर्य और उसकी महत्ता का भी एहसास कराता है।हरियाली तीज के अवसर पर सभी विवाहित महिलाओं को शुभकामनाएँ। इस दिन की पूजा और व्रत से भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त करें और अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद पाएं।

आगामी हरियाली तीज की तिथियाँ
  • 15 अगस्त 2026, शनिवार
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