30 Nov 2025 आध्यात्मिक मार्गदर्शन विश्वसनीय जानकारी

श्री लक्ष्मी नारायण स्तोत्रम्

shri-satyanarayan
श्रीनिवास जगन्नाथ श्रीहरे भक्तवत्सल । लक्ष्मीपते नमस्तुभ्यं त्राहि मां भवसागरात् ॥१॥ राधारमण गोविंद भक्तकामप्रपूरक । नारायण नमस्तुभ्यं त्राहि मां भवसागरात् ॥२॥ दामोदर महोदार सर्वापत्तीनिवारण । ऋषिकेश नमस्तुभ्यं त्राहि मां भवसागरात् ॥३॥ गरुडध्वज वैकुंठनिवासिन्केशवाच्युत । जनार्दन नमस्तुभ्यं त्राहि मां भवसागरात् ॥४॥ शंखचक्रगदापद्मधर श्रीवत्सलांच्छन । मेघश्याम नमस्तुभ्यं त्राहि मां भवसागरात् ॥५॥ त्वं माता त्वं पिता बंधु: सद्गुरूस्त्वं दयानिधी: । त्वत्तो न्यो न परो देवस्त्राही मां भवसागरात् ॥६॥ न जाने दानधर्मादि योगं यागं तपो जपम । त्वं केवलं कुरु दयां त्राहि मां भवसागरात् ॥७॥ न मत्समो यद्यपि पापकर्ता न त्वत्समोथापि हि पापहर्ता । विज्ञापितं त्वेतद्शेषसाक्षीन मामुध्दरार्तं पतितं तवाग्रे ॥८॥
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