01 Dec 2025 आध्यात्मिक मार्गदर्शन विश्वसनीय जानकारी

विनायक चतुर्थी: कहानी, महत्व और उत्सव विधि

vinayaka-chavithi

विनायक चतुर्थी की कहानी

विनायक चतुर्थी का आरंभ भगवान गणेश की उत्पत्ति की कथा से जुड़ा हुआ है। पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने अपने कक्ष की रक्षा के लिए चंदन के लेप से भगवान गणेश को बनाया। जब भगवान शिव ने प्रवेश करने का प्रयास किया, तो गणेश ने उन्हें रोका। इस पर भगवान शिव ने गणेश का सिर काट दिया। बाद में पार्वती के आग्रह पर शिव ने गणेश को हाथी का सिर लगाकर पुनः जीवित किया और उन्हें ज्ञान और समृद्धि के देवता का आशीर्वाद दिया। यह कथा नवीनीकरण और धर्म की विजय का प्रतीक है।

विनायक चतुर्थी का महत्व

हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इस त्योहार के दौरान उनकी पूजा करने से बुद्धि, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। यह त्योहार सामूहिकता और भक्ति की भावना को बढ़ावा देता है।

विनायक चतुर्थी मनाने की विधि

तैयारी और स्थापना

यह त्योहार घरों की सफाई और भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्तियों की स्थापना के साथ शुरू होता है। मूर्तियों को सजावट के साथ पंडालों में रखा जाता है और फूलों, रोशनी और मालाओं से सजाया जाता है।

दैनिक पूजा और भोग

भक्तगण प्रतिदिन पूजा और आरती करते हैं। उन्हें मोदक, फल और मिठाई का भोग अर्पित किया जाता है। “गणपति बप्पा मोरया” के जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो जाता है।

विसर्जन

उत्सव का समापन गणेश मूर्ति के विसर्जन के साथ होता है। यह अनुष्ठान जीवन चक्र और भौतिक अस्तित्व की अस्थायित्व को दर्शाता है। आधुनिक समय में पर्यावरण संरक्षण के लिए इको-फ्रेंडली मूर्तियों का उपयोग बढ़ावा दिया जाता है।

निष्कर्ष

विनायक चतुर्थी केवल धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि संस्कृति, भक्ति और सामूहिकता का उत्सव है। भगवान गणेश की पूजा के माध्यम से भक्त उनकी कृपा प्राप्त करते हैं और साथ ही त्योहार की खुशी और एकता का आनंद लेते हैं।

आगामी विनायक चतुर्थी की तिथियाँ
  • 24 दिसंबर 2025, बुधवार
  • 22 जनवरी 2026, गुरुवर
  • 21 फरवरी 2026, शनिवार
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।