01 Dec 2025 आध्यात्मिक मार्गदर्शन विश्वसनीय जानकारी

शिव जी के भजन: सिर पे विराजे गंगा की धार भजन लिरिक्स

shivji
सिर पे विराजे गंगा की धार कहते है उनको भोलेनाथ वही रखवाला है इस सारे जग का हाथो में त्रिशूल लिए है गले में है सर्पो की माला माथे पे चन्द्र सोहे अंगो पे विभूति लगाये भक्त खड़े जयकार करे दुखियो का सहारा है मेरा भोलेबाबा वही रखवाला है इस सारे जग का सिर पे विराजे गंगा की धार कहते है उनको भोलेनाथ वही रखवाला है इस सारे जग का काशी में जाके विराजे देखो तीनो लोक के स्वामी अंगो पे विभूति रमाये देखो वो है अवघडदानी भक्त तेरा गुणगान करे दुखियो का सहारा है मेरा भोलेबाबा वही रखवाला है इस सारे जग का सिर पे विराजे गंगा की धार कहते है उनको भोलेनाथ वही रखवाला है इस सारे जग का
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